If you also get less sleep then you may be at risk of these diseases
नींद की कमी आपको बीमार कर सकती है .हाई बीपी चिड़चिड़ापन के साथ यह हृदय और मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचाते हैं .इसलिए अच्छी नींद के लिए आपको कुछ पहल करने की जरूरत होगी.
1940 की तुलना में आधुनिक व्यक्ति एक घंटा कम सोता है. टीवी, इंटरनेट और मोबाइल में नींद में खलल डाल दी है. यह शारीरिक वह मानसिक समस्याओं की जड़ है अनिंद्र के कारण चिड़चिड़ापन आ जाता है जो संबंधों में खटास उत्पन्न लाता है न्यूरोसाइंस के हिसाब से मस्तिष्क का जागना और सोना आंतरिक रसायनों द्वारा संचालित होता है.
* मेहनत करने से अच्छी नींद आती है ,क्योंकि दर्द निवारक रसायन इनडोफ्रिन निर्मित होता है प्रगाढ नींद लेने के पश्चात अगले दिन ज्यादा शर्म के लिए शरीर में ऊर्जा आ जाती है इस प्रकार श्रम और विश्राम दोनों परस्पर निर्भर है.
* अनियमित क्रियाकलापों की वजह से नींद का समय बाधित होता है. निश्चित समय पर सोना और जागना जरूरी है .शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक को रिसेट करने के लिए एक बार निर्णय कर ले की कितने बजे जगना है, कितने बजे सोना है. फिर उसका पालन हर हाल में करें. शुरू में तीन-चार दिन कठिनाई महसूस हो सकती है .पर बाद में दिमाग और देह को उसकी आदत हो जाएगी इसके लिए आपको घड़ी के अलार्म की जरूरत भी नहीं होगी.
विकास ने बिजली बत्ती की ऐसी व्यवस्था कर दी है कि आज हम अंधकार से वंचित हो गए हैं. जबकि अंधेरा की जरूरत होती है. मेलाटोनिन नामक रसायन को बनाने के लिए जिससे नींद आती है. सोने के समय से एक घंटा पूर्व घर की तेज लाइट बंद कर दे शाम के बाद मोबाइल और लैपटॉप स्क्रीन से दूर रहे. LED स्क्रीन से निकली नीली प्रकाश की किरण जब आंखों पर पढ़ती है तो ब्रेन को सूचना मिलती है, कि अभी दिन है मस्तिष्क दिग्भ्रमित हो जाता है इस कंफ्यूजन में वह मेलाटोनिन का निर्माण नहीं कर पाता.
*रात को अपना कमरा सामान्य से ज्यादा ठंडा रखें. यदि दिन के वक्त आप 21 से 22 डिग्री तापमान पर सक्रिय रहते हैं तो 18 से 20 डिग्री सेल्सियस पर हमारा बब्रेन आसानी से सो सकता है तथा बॉडी भी निष्क्रिय हो जाती है .25 से 26 डिग्री पर नींद की क्वालिटी में कमी पर जाती है.
* गर्मी एक प्रकार की ऊर्जा है जो सक्रियता वह बेचैनी उत्पन्न करती है शिथिल नहीं होने देती. गर्म पानी से स्नान करने के बाद या 15 मिनट पैदल चलकर उस्मा पैदा करने के बाद जैसे ही ठंडा कमरे में आने पर तापमान घटने आरंभ होता है, गहरी नींद आने लगती है.
*शराब और कैफीन से नींद डिस्टर्ब होती है शराबी की नींद गई करो में टूटती है विश्राम की गहराई घट जाती है अध्ययन से पता चलता है कि काफी से भी नींद में खलल आती है. नींद आ भी जाए, तो सुबह ताजगी नहीं रहती.
*बिस्तर पर 20 मिनट से अधिक जगे हुए नहीं रहे बिस्तर और निंद्रा का संगठन होना चाहिए यदि रात में 20 मिनट तक नींद ना आए तो दूसरे कमरे में चल जाए वहां मध्य रोशनी जलाएं साहित्यिक रुचि हो तो कुछ पढ़ ले अथवा मधुर संगीत का आनंद ले जब नींद गिरने लगे तब अपने साइन कक्षा में वापस लौटे रात को उत्तेजक संगीत ना सुने विवाद शब्दों पर चर्चा ना करें चिंता करते हुए ना सोए.
ध्यान करना सीखे नर्वस सिस्टम को रिलैक्स होने का प्रतिक्षण दे सुबह जागरूकता पढ़ने वाले ध्यान करें जैसे सक्रिय ध्यान विपश्यना आदि रात में योग निद्रा का प्रयोग उपयोगी है योग निद्रा के सुझाव को संगीत वध किया गया है जो ज्यादा प्रभावित है कम वॉल्यूम पर इन्हें सुनते-सुनते गहरी नींद में डूब जाए.