How breastfeeding benefits mother’s health – स्तनपान (Breastfeeding) न केवल एक बच्चे के पोषण का पहला स्रोत है, बल्कि यह उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाने और बीमारियों से सुरक्षा देने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह”रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता हैं स्तनपान शिशु के लिए प्रकृति का दिया हुआ सबसे पहला और महत्वपूर्ण उपहार है। यह न केवल बच्चे को पोषण देता है बल्कि उसकी रोगों से लड़ने की क्षमता, यानी रोग प्रतिरोधक शक्ति (Immunity) को भी मजबूत बनाता है। माँ के दूध में मौजूद एंटीबॉडीज़, प्रोटीन, और सफेद रक्त कणिकाएं नवजात को संक्रमण, सर्दी, खांसी, निमोनिया और डायरिया जैसी बीमारियों से बचाते हैं। जन्म के तुरंत बाद मिलने वाला पीला गाढ़ा दूध, जिसे कोलोस्ट्रम कहा जाता है, शिशु के लिए प्राकृतिक वैक्सीन का काम करता है। स्तनपान से बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास भी बेहतर होता है और उसे एलर्जी तथा ऑटोइम्यून रोगों से बचाव मिलता है। यह माँ के लिए भी फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे उसे कई बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।इसलिए हर माँ को चाहिए कि वह अपने शिशु को कम से कम 6 महीने तक केवल स्तनपान कराए और 2 साल तक इसे जारी रखे।
स्तनपान से रोग और प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ती है?
✅ 1. कोलोस्ट्रम – पहले दूध की शक्ति
- जन्म के बाद माँ का जो पहला गाढ़ा पीला दूध आता है उसे कोलोस्ट्रम (Colostrum) कहते हैं।
- यह दूध एंटीबॉडीज़ (प्रतिरक्षी तत्वों) से भरपूर होता है जो नवजात के शरीर को संक्रमण से बचाता है।
- कोलोस्ट्रम को प्राकृतिक टीका (Natural Vaccine) भी कहा जाता है।
2. एंटीबॉडी और रोग प्रतिरोधक तत्व
- माँ का दूध IgA, IgG, और IgM एंटीबॉडीज़ प्रदान करता है जो बच्चे के श्वसन, पाचन, और मूत्र मार्ग में संक्रमणों से रक्षा करते हैं।
- ये एंटीबॉडीज़ रोगजनकों (Germs) से सीधे लड़ते हैं।
3. पाचन तंत्र की सुरक्षा
- स्तनपान से बच्चे के आँतों में लाभकारी बैक्टीरिया (Good Bacteria) पनपते हैं जो हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने नहीं देते।
- इससे दस्त, उल्टी, गैस, और पेट की सूजन से भी बचाव होता है।
4. श्वसन संबंधी बीमारियों से सुरक्षा
- रिसर्च से पता चला है कि स्तनपान कराने वाले बच्चों में निमोनिया, सर्दी, खांसी और अस्थमा का खतरा कम होता है।
5. त्वचा और कान के संक्रमण से सुरक्षा
- माँ के दूध में मौजूद एंटीबॉडी कान और त्वचा के इंफेक्शन से बच्चे की रक्षा करते हैं।
6. एलर्जी और ऑटोइम्यून बीमारियों से बचाव
- जिन बच्चों को स्तनपान कराया गया हो, उनमें एलर्जी, डायबिटीज टाइप 1, सीलिएक डिजीज जैसी ऑटोइम्यून बीमारियाँ कम पाई जाती हैं।
7. बच्चे की संपूर्ण वृद्धि और मानसिक विकास
- माँ का दूध DHA और ARA जैसे फैटी एसिड प्रदान करता है जो मस्तिष्क के विकास और समझदारी बढ़ाने में मदद करते हैं।
- इससे मानसिक रूप से भी बच्चा स्वस्थ बनता है।
8. माँ को भी मिलता है फायदा
- माँ को भी स्तनपान कराने से ब्रेस्ट कैंसर, ओवरी कैंसर, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
स्तनपान की सलाह:
- जन्म के पहले एक घंटे के अंदर स्तनपान कराना चाहिए।
- 6 महीने तक केवल माँ का दूध देना चाहिए – इसे “एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग” कहते हैं।
- उसके बाद पूरक आहार के साथ कम से कम 2 साल तक स्तनपान जारी रखना चाहिए।
रिसर्च से जुड़े तथ्य:
शोध / तथ्य विवरण WHO स्तनपान से हर साल लाखों बच्चों की जान बचाई जा सकती है। UNICEF सिर्फ 6 महीने तक स्तनपान से बच्चों में 50% तक संक्रमण की संभावना घटती है। ICMR माँ के दूध में 100 से ज्यादा रोग प्रतिरोधक तत्व होते हैं।
स्तनपान का माँ के फिगर पर असर
1. वज़न घटाने में मदद करता है
- स्तनपान के दौरान शरीर हर दिन लगभग 500 कैलोरी जलाता है।
- इससे प्रसव के बाद का वज़न धीरे-धीरे कम होता है और माँ पहले जैसा फिगर पाने में मदद पा सकती है।
2. पेट और कमर पर असर
- यह कमर और पेट की चर्बी को भी कम करने में सहायक है।
- स्तनपान हार्मोन (जैसे ऑक्सीटोसिन) के कारण गर्भाशय सिकुड़ता है, जिससे पेट पहले की तुलना में जल्द फ्लैट हो सकता है।
3. स्तनों का आकार बदलना
- स्तनपान के दौरान और बाद में कुछ महिलाओं के स्तनों में ढीलापन या बदलाव महसूस हो सकता है, लेकिन यह उम्र, वज़न और आनुवंशिकता पर भी निर्भर करता है।
- सही ब्रा का उपयोग और हल्का स्तन व्यायाम इस ढीलेपन को कम करने में मदद कर सकता है।
4. फिटनेस पर सकारात्मक प्रभाव
- स्तनपान एक सक्रिय प्रक्रिया है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे माँ फिट और ऊर्जावान बनी रहती है।
निष्कर्ष:
हाँ, स्तनपान (Breastfeeding) माँ के शरीर और फिगर पर भी कुछ हद तक प्रभाव डालता है, लेकिन यह प्रभाव स्वस्थ और प्राकृतिक होता है। स्तनपान न केवल बच्चे को पोषण देता है बल्कि प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करता है, जिससे वो बचपन में ही कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है। यह एक सस्ता, सुरक्षित और संपूर्ण आहार है जो हर माँ और बच्चे को अपनाना चाहिए। स्तनपान माँ के फिगर पर कोई नकारात्मक असर नहीं डालता। बल्कि यह स्वस्थ वजन घटाने, पेट कम करने, और हार्मोन संतुलन में मदद करता है। स्तनों में कुछ बदलाव आ सकते हैं, लेकिन ये भी सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा हैं।