बच्चे गुस्सा करते हैं, बात नहीं मानते हैं और डिसिप्लिन में नहीं हैं – समाधान और सुझाव
आज के दौर में बच्चों को अनुशासित (डिसिप्लिन में) रखना और उन्हें सही व्यवहार सिखाना एक बड़ी चुनौती बन गई है। कई बार देखा जाता है कि बच्चे जल्दी गुस्सा करते हैं, बात नहीं मानते और जिद्दी हो जाते हैं। यह स्थिति माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन जाती है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, समझदारी और सही दिशा से इस समस्या का समाधान संभव है। जब बच्चों का गुस्सा करना या अनुशासन में न रहना एक सामान्य स्थिति हो सकती है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। माता-पिता का धैर्य, समझदारी और सही मार्गदर्शन बच्चे के स्वभाव को सकारात्मक दिशा दे सकता है। अगर आप इन सुझावों को नियमित अपनाएंगे, तो निश्चित ही आपके बच्चे में धीरे-धीरे बदलाव आने लगेगा।
समस्या के मुख्य कारण:
- अधिक लाड़-प्यार या ढील:
जब बच्चे को हर बात में छूट मिलती है, तो वह अपनी मनमानी करने लगता है। - स्क्रीन टाइम का अधिक उपयोग:
मोबाइल, टीवी और वीडियो गेम बच्चों के दिमाग पर बुरा असर डालते हैं, जिससे वे चिड़चिड़े हो जाते हैं। - अनुशासन की कमी:
यदि शुरुआत से ही अनुशासन की आदत न डाली जाए तो बच्चे नियमों का पालन करना नहीं सीखते। - पेरेंट्स की आपसी कलह:
माता-पिता के बीच झगड़े या अनबन का प्रभाव बच्चों पर पड़ता है और उनका व्यवहार असंतुलित हो सकता है।
बच्चों को डिसिप्लिन में लाने के सही उपाय:
- खुद उदाहरण बनें:
बच्चों से जैसा व्यवहार चाहते हैं, वैसा खुद दिखाएं। अगर आप समय पर उठते हैं, विनम्र बोलते हैं, तो बच्चा भी सीखता है। - रूटीन बनाएं:
हर दिन एक निश्चित समय पर सोना, पढ़ना, खेलना और खाना – इससे बच्चा अनुशासित होता है। - प्यार और सख्ती का संतुलन रखें:
बच्चों को प्यार से समझाएं, लेकिन ज़रूरत पर सख्ती भी दिखाएं ताकि वह सीमाओं को समझें। - गुस्से के समय शांत रहें:
जब बच्चा गुस्सा करे, तो उससे गुस्से में बात न करें। शांत रहकर उसकी भावनाओं को समझें। - सकारात्मक संवाद करें:
बच्चे से रोज़ बातचीत करें, उसकी बातें सुनें और उसकी भावनाओं को महत्व दें। - अच्छे व्यवहार पर तारीफ करें:
जब बच्चा कुछ अच्छा करे, तो उसकी सराहना करें। इससे वह प्रेरित होगा। - मनोवैज्ञानिक सहयोग लें:
यदि बच्चा बहुत ज्यादा गुस्सा करता है और बात बिल्कुल नहीं मानता, तो चाइल्ड काउंसलर की सलाह लेना भी जरूरी हो सकता है।
याद रखिए – “बच्चा फूल की तरह होता है, जैसे सींचा जाएगा वैसा ही खिलेगा।”