Side-effects-of-vitamin-overdose : – विटामिन सप्लीमेंट से जुड़े अलग-अलग विज्ञापन आपको टीवी पर देखने को मिल जाते होंगे. कई लोग विज्ञापन से प्रभावित होकर डॉक्टर या विशेषज्ञ को बिना कंसल्ट किए ही विभिन्न सप्लीमेंट का सेवन करने लगते हैं. उन्हें लगता है कि विटामिन मिनरल सप्लीमेंट की मदद से जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का समाधान है और इम्यूनिटी मजबूत हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं है यह बस पोषक तत्वों की आपूर्ति करते हैं वह भी तब जब इसके साथ आप संतुलित भोजन ले रहे हो और साथ में योग और व्यायाम भी कर रहे हो.
● विटामिन सप्लीमेंट्स के फायदे ,और नुकसान
यह सही है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अलग-अलग विटामिन और मिनरल्स की जरूरत होती है लेकिन किसी भी सप्लीमेंट को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले उसकी जरूरत और सही मात्रा के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है .डॉक्टर की सलाह के बिना इन्हें लेना फायदे की जगह नुकसान हो सकती है .अपने आहार से जुड़ी कमियों को पूरा करने के लिए लंबे समय तक विटामिन और सप्लीमेंट का सहारा लेना कई बीमारियों की वजह बन सकती है. अगर आप खट्टे फल नहीं खाना चाहते और इसके बदले में सिर्फ विटामिन सी की गोली ले रहे हैं ,तो यह आपको सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
● संतुलित आहार का विकल्प नहीं विटामिन की गोलियां
कोरोना के समय लोगों ने धड़ल्ले से विटामिन सी जिंक और विटामिन ई सप्लीमेंट का इस्तेमाल किया विशेषज्ञों के मुताबिक सिर्फ वायरस से मुकाबले और इम्यूनिटी बढ़ाने के नाम पर लंबे समय तक विटामिन सी की गोलियां खाने से किडनी में पथरी की समस्या,उठा सकती है वही जींस की अधिक खुराक से पेट लीवर और किडनी से जुड़ी बीमारियां पनपने , जबकि विटामिन ई की अधिक लेने से खून पतला होने व दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है.
विभिन्न विटामिन और मिनरल्स सप्लीमेंट्स कभी भी संतुलित आहार की जगह नहीं ले सकते हैं वैसे तो विटामिन बाजार में नहीं मिलती यदि आपको यह लगता है. कि डेली यह भोजन में पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं तो अपने आहार में बदलाव करें सप्लीमेंट की तुलना में फल सब्जियां और साबुत अनाज से मिलने वाले पोषक तत्व अधिक फायदेमंद होते हैं साबुत अनाज में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होता है. कई साबुत अनाज में फाइबर की पर प्रचुरता होती है.
● Side-effects-of-vitamin-overdose : विटामिन की कमी से समस्याएं
अगर विटामिन और मिनरल्स की हमारी जरूरत पूरी ना हो तो हम बीमार पड़ सकते हैं. जैसे कि विटामिन ए की कमी से आंखों की रोशनी कम होती है, तो विटामिन b1 की कमी से वेरी-वेरी मसूड़ों से खून आना विटामिन सी की कमी से हो सकती है. विटामिन डी से रिकेट्स यानी हड्डियों की समस्या होती है . अमेरिका में चलन है की आटे को भी विटामिंस और मिनिरल्स डालकर फोर्टिफाई किया जाता है, लेकिन अपने देश में अभी यह ज्यादा चलन में नहीं है ऐसे में बेहतर तो यह है कि आप बैलेंस्ड डाइट लेने की कोशिश करें, ताकि शरीर को जरूरी विटामिन व मिनरल्स मिल सके. अगर ऐसा कर पाना संभव ना हो तभी आप विटामिन सप्लीमेंट्स लेने के बारे में सोचें.
● सप्लीमेंट लेने से पहले लें डॉक्टर की सलाह
अक्सर लोग विज्ञापन या वेबसाइट पर मौजूद जानकारी को पढ़कर मल्टीविटामिंस का सेवन करने लगते हैं. क्या करना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इनका सेवन करने से पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि आपकी शरीर को इन सप्लीमेंट्स की आवश्यकता है या नहीं मल्टीविटामिन या किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें अगर आप पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं और आप इस दौरान दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ऐसी स्थिति में भी मल्टीविटामिन के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए उदाहरण के लिए जब आप ब्लड थिनर यानी खून को पतला करने वाला दवा का सेवन कर रहे हैं ,तो ऐसा मैं आपको विटामिन के किसी गोलियों का सेवन नहीं करना चाहिए.
● हो सकती है विटामिन टॉक्सीसिटी
जो विटामिन फैट यानी वसा के जरिए हमारे शरीर में घूमते हैं आमतौर पर उनकी हमारे शरीर को कम मात्रा में आवश्यकता होती है ऐसे में उन विटामिन की अतिरिक्त मात्रा शरीर में वर्षा के साथ जमा होते हैं और वसा में घुलनशील विटामिन के अत्यधिक सेवन से विटामिन टॉक्सी सिटी हो सकती है .विटामिन ए ,विटामिन बी ,विटामिन ई ,यदि वसा में घुलनशील विटामिन है
● कब होती है सप्लीमेंट्स की जरूरी है
अगर आप हेल्दी डाइट लेते हैं, फास्ट फूड से दूर रहते हैं, तो आमतौर पर सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं होती, लेकिन कुछ स्थितियों में सप्लीमेंट्स की जरूरत हो सकती है जैसे- उम्र बढ़ने या बीमार होने के बाद कई कारणों से विटामिन सप्लीमेंट की जरूरत होती है. इनके अलावा गर्भवती महिलाओं को भरपूर मात्रा में फोलिक एसिड ब्रोकली, टमाटर ,सोयाबीन ,आदि की जरूरत होती है .फोलिक एसिड से बच्चे में जन्मजात विकास होने की आशंका कम हो जाती है . इसलिए गर्भधारण की उम्र में फोलिक एसिड अच्छी मात्रा में ले इसके लिए डॉक्टर फोलेट सप्लीमेंट लेने की भी सलाह देते हैं.
● विटामिन ए सप्लीमेंट्स: प्राकृतिक स्रोत
विटामिन -b1( थायमीन) सूर्यमुखी के बीज, बींस और साबुत अनाज
विटामिन- B-2 (राइबोफ्लेविन) :मीट, अंडे, बादाम ,दूध और पत्तेदार सब्जियां
विटामिन – बी 9 (फोलिक एसिड) :पत्तेदार सब्जियां, बीन्स और नारंगी का जूस
विटामिन- 12 (नियासिन): मीट, मछली, और डेयरी उत्पाद
विटामिन -सी (एस्कॉर्बिक एसिड): खट्टे ब्रोकली, गोभी
विटामिन -डी: मछली, दूध, पनीर और अंडे
विटामिन- ई: बादाम ,पालक, शकरकंद
ओमेगा -3 फैटी एसिड: मछली और फ्लैक्सीड आदि
मैग्नीशियम: नोट्स ,ऑफ, डार्क ,चॉकलेट आदि
जिंक: ओट्स और फल
* पोषण की कमी को इन लक्षणों से पहचाने
अगर आपको उस जा की कमी महसूस हो 6- 7 घंटे सोने के बाद भी नींद पूरी होने का एहसास ना हो, थकान बनी रहे, भूख ना लगती हो, स्किन पीले पड़ गए हो डायरिया हो, कन्फ्यूजन की स्थिति हो ,उंगलियों में सुन्नपन हो ,तो हो सकता है कि आपके शरीर में विटामिन की कमी हो. कमी का अंदाजा इन लक्षणों से लगा सकते हैं. लक्षणों के दिखने पर आप डॉक्टर से मिलकर सलाह जरूर लीजिए.
* होठों के कोने में दरारे: अगर आपके होठों के कोनो हो में दरार- सी लगे तो आप में आयरन जिंक विटामिन बी की कमी हो सकती है या फिर आपको पूरा प्रोटीन नहीं मिल रहा
* बालों का झड़ना: बायोटीन या विटामिन बी सेवन की कमी से यह समस्या होती है. बायोटीन की जरूरत है फैटस कार और एमिनो एसिड्स को पचने में भी होती है लेकिन सबसे अहम भूमिका बाल और नाखून को मजबूत करने में होती है
* लाल और सफेद रंग के छोटे मुंहासे: अगर आपके गाल बाजू जानकारी पर छोटे-छोटे बारीक दाने या मुंहासे हैं तो आपके शरीर में ओमेगा -3 के अलावा विटामिन ए या डी की कमी हो सकती है.
*हाथ और पैर में झटके या सुन्नपन: अगर ऐसा है तो आपके अंदर विटामिन b खासकर फोलेट,b6 या B12 की कमी हो सकती है. इसके अलावा डिप्रेशन एनीमिया थकान और हार्मोन की गड़बड़ी भी हो सकती है.
● लगातार कितने दिनों तक लें सप्लीमेंट
शरीर को सप्लीमेंट की जितनी जरूरत है उसके मुताबिक मात्रा तय की जाती है . विशेषज्ञ के मुताबिक सप्लीमेंट लगातार लंबे समय तक नहीं लेना चाहिए .15 दिन से 1 महीने तक लेने के बाद इससे लेना बंद कर देना चाहिए. यदि जरूरत हो तो फिर 1 महीने बाद इसे लिया जा सकता है. दरअसल कोई भी चीज हम खाते हैं तो लीवर से होकर जाती है. ऐसे में लीवर के सही से काम करने और सरीर को उस चीज की इस तरह आदत ना पड़ जाए,कि उसका फायदा ही खत्म हो जाए ,इसके लिए ब्रेक लेना जरूरी है. अगर सप्लीमेंट लेने के बाद उल्टी, लूज मोशन ,सिरदर्द, घबराहट, आदि हो तो सप्लीमेंट लेना तुरंत बंद कर डॉक्टर से मिलना चाहिए.
●सप्लीमेंट ओवरडोज के बहुत से नुकसान
किसी भी चीज की ओवरडोज नुकसान दायक होता है. विटामिन सप्लीमेंट्स का जरूरत से ज्यादा सेवन किडनी में पथरी, डायरिया ,पाचन तंत्र, संबंधी बीमारियां हो सकती है इसी प्रकार जिंक की ज्यादा खुराक लेने से पेट लीवर किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसी तरह कैल्शियम या विटामिन डी भी ज्यादा मात्रा में लेने पर शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, जैसे कि विटामिन डी शरीर में ज्यादा हो जाए तो टॉक्सिक हो जाता है और तब उल्टी, सिरदर्द, चक्कर ,भूख ना लगने जैसी समस्या हो जाती है. अगर हम प्रोटीन जरूरत से ज्यादा लेते तो किडनी पर भी खराब असर पड़ता है.
* सिर्फ खूबसूरती बढ़ाने वह बॉडी बनाने के लिए कोई सप्लीमेंट नाले संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के जरिए शरीर की जरूरत को पूरा किया जा सकता है
* बाजार में मिलने वाले कई प्रोटीन से किया हेल्थ सप्लीमेंट का स्रोत पता ही नहीं होता इनमें कई तरह की मिलावट होती है जो तुरंत किडनी को नुकसान पहुंचाती है
* आपके शरीर में पोषण की कमी तो नहीं है यह जानने के लिए 30 वर्ष की उम्र के बाद हर वर्ष डॉक्टर की सलाह से एक बार हेल्थ चेकअप कराने की आदत विकसित करनी चाहिए आप इन जांचों से शरीर में पोषण की कमी का पता लगा सकते हैं
●टोटल ब्लड काउंट टेस्ट
●थायराइड प्रोफाइल टेस्ट
●विटामिन B12 की जांच
●विटामिन डी की जांच
● सिरम कैलशियम टेस्ट
● सिरम आईरन टेस्ट