सावन मास में हमें किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए। जिससे शिवजी प्रसन्न हो जाए और घर में सुख समृद्धि आए

सावन मास (श्रावण मास) भगवान शिव को समर्पित अत्यंत पवित्र महीना माना जाता है। इस पूरे मास में शिवभक्त विशेष नियमों का पालन करते हैं और शिवजी को प्रसन्न करने के लिए व्रत, पूजा, जाप आदि करते हैं। नीचे सावन मास के दौरान पालन किए जाने वाले मुख्य नियम और पूजा-विधि दी गई है:


🌿 सावन मास में पालन किए जाने वाले मुख्य नियम:

1. व्रत (उपवास):

  • हर सोमवार को व्रत रखें (श्रावण सोमवारी व्रत)। विवाहित स्त्रियाँ पति की लंबी उम्र के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं।
  • व्रत में फलाहार, दूध, फल, साबूदाना, लौकी आदि सात्विक चीजें खाएं।

2. सात्विक भोजन करें:

  • मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज और शराब आदि का त्याग करें।
  • ज्यादा तामसिक और गरिष्ठ भोजन से बचें।

3. ब्रह्मचर्य पालन करें:

  • मानसिक और शारीरिक संयम रखें।
  • क्रोध, वासना, लोभ, झूठ आदि से दूर रहें।

4. स्नान और स्वच्छता:

  • प्रतिदिन सूर्योदय से पहले स्नान करें। यदि संभव हो तो गंगाजल से स्नान करें।
  • स्वच्छ वस्त्र पहनकर शिव की पूजा करें।

5. दान-पुण्य करें:

  • गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, जल आदि का दान करें।

🕉️ भगवान शिव की पूजा विधि (सावन मास में):

✳️ पूजा सामग्री:

  • गंगाजल
  • बेलपत्र (त्रिदल वाला)
  • दूध, दही, घी, शहद, शक्कर (पंचामृत)
  • भस्म (राख), भांग, धतूरा
  • चंदन, अक्षत, सफेद फूल
  • दीप, धूप, रुद्राक्ष माला

🔱 पूजन विधि:

  1. स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और शिवलिंग के सामने आसन लगाएं।
  2. ॐ नमः शिवाय का जप करते हुए भगवान शिव का स्मरण करें।
  3. शिवलिंग पर जल और गंगाजल चढ़ाएं।
  4. फिर दूध, दही, घी, शहद, शक्कर से पंचामृत अभिषेक करें और पुनः गंगाजल से स्नान कराएं।
  5. बेलपत्र, भस्म, धतूरा, भांग अर्पित करें (बेलपत्र की तीन पत्तियाँ होनी चाहिए, और वह उल्टी न हो)।
  6. चंदन, फूल, धूप, दीप अर्पित करें।
  7. शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
  8. अंत में आरती करें और भोग अर्पित करें (मिठाई, फल आदि)।

🔔 विशेष सावधानियां:

  • बेलपत्र टूटा हुआ या कीड़ा खाया हुआ नहीं होना चाहिए।
  • बेलपत्र शिवजी को चढ़ाने से पहले धोकर चढ़ाएं।
  • तुलसी और केतकी के फूल शिवजी को कभी न चढ़ाएं।
  • शिवलिंग पर कुंआरा दूध (पहली बार निकाला गया) चढ़ाना शुभ माना जाता है।

🧘‍♂️ जप एवं मंत्र:

  • ॐ नमः शिवाय (मुख्य बीज मंत्र)
  • महामृत्युंजय मंत्र:
    “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥”