Benefits and side effects of green tea

Benefits and side effects of green tea : संतुलित मात्रा में ग्रीन टी पीना ही फायदेमंद

Benefits and side effects of green tea :अभी के समय में फिटनेस के लिए ग्रीन टी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।अध्ययन से भी साबित हुआ है कि ग्रीन टी का सही तरीके से सेवन किसी हेल्थ टॉनिक से कम नहीं है हालांकि यह जानना जरूरी है कि उसके उपयोग और मात्रा का पता हो तभी यह सरदार हो सकता है

आधुनिक शोधों में यह बात सामने आई है कि अगर अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो हमारी सेहत पर इसका प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है जैसे प्रजनन क्षमता प्रभावित होना, ओस्टियोपोरोसिस का खतरा बना अनिद्रा की समस्या एसिडिटी की समस्या का बढ़ना आदि.

ग्रीन टी कितनी मात्रा में पिएं: ग्रीन टी कैमलिया सीनेंसिस प्लांट से बनती है एंटीऑक्सीडेंट्स फ्लेवोनॉयड्स और कैटेचिंस का अच्छा स्रोत है अगर इसे अधिक मात्रा में लिया जाए तो इसका शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा उसके ब्रांड के हिसाब से अलग-अलग होती है आपको 1 दिन में कितनी चाय की जरूरत है यह आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है पीने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले. हाउवार्ड हेल्थ पब्लिकेशन के अनुसार 1 दिन में तीन कप चाय पीना स्वास्थ्य लिए उपयुक्त है 1 दिन में 240 से 320 मिलीग्राम पॉलीफेनॉल लेना चाहिए पिया आपको दो से तीन कब से मिल जाता है

ग्रीन टी और ब्लैक टी : ग्रीन टी और ब्लैक की एक ही पौधे से प्राप्त होती है लेकिन प्रोसेसिंग के कारण ब्लैक टी मैं पॉलि फिनालस की मात्रा ग्रीन टी की तुलना में काफी कम होती है लेकिन इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा हर्बल टी की तुलना में काफी होती है. ब्लैक टी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसे अल्जाइमर्स और पार्किंसंस के खतरे को कम करती है ब्लैक की अधिक एसिडिक होती है इसमें थोड़ा सा नीबू का रस डालकर इसकी एसिडिटी को कम किया जा सकता है

सेहत के लिए क्यों है फायदेमंद

ग्रीन टी में विटामिन बी मैग्नीज पोटेशियम मैग्निशियम कैफ़ीन और कैतेचींस नामक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं चीन में इसका उपयोग दवाई के तौर पर भी होता है ग्रीन टी में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है और यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है ग्रीन टी में केटी चीन और पॉलिफिनॉल्स होते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से लड़ने में सहायता करते हैं इससे एजिंग उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमी हो जाती है या फ्लोराइड का अच्छा प्राकृतिक स्रोत है इसलिए यह प्राकृतिक रूप से दांतो को शक्तिशाली बनाने में सहायक है कैविटी को रोकता है सांस की बदबू दूर करता है ग्रीन टी में अमीनो एसिड एल -थियानीन होता है, जो मस्तिष्क को अधिक मात्रा में सेरेटॉनिक के श्रावण में सहायक है जिस से सिर दर्द से लेकर भावनात्मक अवसाद कम करने में सहायता मिलती है या मस्तिष्क में रक्त के प्रभाव को बढ़ाती है जिससे एकाग्रता की क्षमता सुधरती है यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करती है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है यह वजन कम करने से लेकर टाइप 2 डायबिटीज कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करती है

इन बातों को रखें ध्यान:

खाली पेट ना पिए खाने के तुरंत बाद पिए देर रात को ना पिए. इस्तेमाल किए हुए ग्रीन टी बैग का पुनः उपयोग ना करें.

ऐसे लोग ग्रीन टी का सेवन से बचें:

एनीमिया, एंजायटी ,डिसऑर्डर ,हार्टकंडीशंस, ब्लीडिंग डिसऑर्डर इरिटेबल बा वेल सिंड्रोम, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप के रोगियों इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला को भी इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए